नितिन अग्रवाल
MP Kotwar Union,म.प्र. कोटवार संघ ने जिलाधिकारी बैतूल को सौंपा ज्ञापन ,जिले भर के कोटवारों में प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश के चलते सौंपा ज्ञापन, देखें वीडियो
*झूठी एवं निराधार शिकायतों के चलते कोटवारों को किया जा रहा है पद मुक्त
*बैतूल / अजब बैतूल की गजब गाथा या कहे शासन की मनमानी, जिससे शासन प्रशासन के जिले में बैठे आकाओ को जन सुनवाई के दौरान ज्ञापन के माध्यम से कोटवारों ने अवगत कराते हुए मांग की है, कि जिन जिन कोटवारों पर अन्याय एवं अत्याचार किया जा रहा है, जिला प्रशासन की एक नजर इन कोटवारों की पीड़ा की ओर भी होनी चाहिए... जैसे कि जिले भर के कोटवारों ने ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए मांग की है, कि पद से पृथक किए गए कोटवारों को पुन: कोटवारों के पद पर विराजमान किया जाए... प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व अधिकारियों द्वारा कोटवारों की कुछ लोगों द्वारा झूठी एवं निराधर शिकायत के आधार पर पद से पृथक किया गया है, तथा उनकी सेवा भूमि में भवन निर्माण के नाम पर दखलअंदाजी कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है... चुके कोटवार जो प्रशासनिक स्तर की प्रथम सीढ़ी है, इसके बावजूद आमला तहसील के ग्राम हर्निया के कोटवार खेमचंद पिता प्यारेलाल की पैतृक मांफि खिदमत भूमि पर कुछ लोगों का अतिक्रमण होने की शिकायत उक्त कोटवार द्वारा नायब तहसीलदार आमला को की गई थी, परंतु उसकी शिकायत का निराकरण करने के बजाए उक्त कोटद्वार की कुछ लोगों द्वारा झूठी और निराधार शिकायत की गई जिसकी राजस्व विभाग द्वारा बिना जांच किए राजस्व प्रकरण क्रमांक 0001अ/58 वर्ष 2022, 23 मौजा ग्राम हर्निया पारित आदेश दिनांक 27/05/2022 में नायब तहसीलदार आमला द्वारा कोटद्वार को पद से पृथक कर दिया गया... आमला राजस्व विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते पद से हटाए गए जोकि निष्ठा और ईमानदारी के साथ कार्य करने वाले कोटवार को पुन: कोटवार पद पर नियुक्त किया जाने की मांग की है... वही शाहपुर तहसील के ग्राम रामपुर माल के कोटवार दिलीप पिता भजना बेलवंशी को भी उसकी मांफि खिदमत में से 0.800 हेक्टर भूमि हाई स्कूल भवन निर्माण के लिए दबाव बनाया जा रहा है, किंतु दिनांक 25/08/2022 को न्यायालय तहसीलदार शाहपुर द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया था जबकि उक्त भूमि की याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर में विचार अधीन होकर उच्च न्यायालय का उक्त भूमि पर स्थगन आदेश जारी किया है... जिसकी जानकारी राजस्व अधिकारी गण को होने के उपरांत भी राजनीतिक दबाव में आकर कोटवारों को सेवा भूमि से कब्जा हटाने तथा उसे पृथक करने की कोशिश की जा रही है... जबकि कोटवारों को 1947 के पूर्व मालगुजार शासनकाल से प्राप्त बतौर माफी खिदमती भूमि जो वर्तमान में ग्राम नौकर सेवा खातेदार अथवा सेवा भूमि मदो मे राजस्व रिकार्ड में दर्ज है वे अपने पूर्वजों कॉल से शासन की सेवा एवं काबीज करते चले आ रहे हैं... तथा उक्त भूमि के संबंध में 22 जून 2007 को मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन द्वारा भोपाल में कोटवार पंचायत बुलाकर घोषणा की थी... जिसको जिला प्रशासन संज्ञान में लेते हुए जिले भर के कोटवारों के साथ न्याय कर रहा प्रदान करें...
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