Big Breaking News- बैतूल में घोटालों की बाढ़: JH कॉलेज के बाद अब स्वच्छ भारत मिशन में 13 करोड़ का फर्जी भुगतान, 12 लोगों पर FIR देखे वीडियो

नितिन अग्रवाल 



 Big Breaking News- बैतूल में घोटालों की बाढ़: JH कॉलेज के बाद अब स्वच्छ भारत मिशन में 13 करोड़ का फर्जी भुगतान, 12 लोगों पर FIR



बैतूल। जिले में घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। JH कॉलेज में करोड़ों की हेराफेरी के बाद अब स्वच्छ भारत मिशन में 13 करोड़ से अधिक का फर्जी भुगतान कर बड़ा घोटाला सामने आया है। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राजेंद्र परिहार ने चिचोली और भीमपुर में बिना काम किए ही दिल्ली और इंदौर की कंपनियों को फर्जी डिमांड जनरेट कर करोड़ों का भुगतान कर दिया। मामले की जांच के बाद कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के निर्देश पर 12 लोगों पर धोखाधड़ी की FIR दर्ज करवाई गई है।

🔹 ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा:

राजेंद्र परिहार ने खुद को और अन्य वेंडरों को फर्जी रूप से वेंडर बनाकर भुगतान किया। इसके लिए चिचोली और भीमपुर के कंप्यूटर ऑपरेटरों का सहयोग लिया गया, जो जनपद पंचायत के डिजिटल सिग्नेचर के जिम्मेदार थे। कलेक्टर ने गड़बड़ी पकड़ने के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की, जिसमें जिला कोषालय अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी और परियोजना अधिकारी शामिल थे। जांच में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार रुपए का गबन उजागर हुआ।

🔹 घोटाले की रकम:

चिचोली जनपद पंचायत: ₹9.13 करोड़ का घोटाला

भीमपुर जनपद पंचायत: ₹4.08 करोड़ का गबन

यह राशि ग्रे वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, शोक पिट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सार्वजनिक और व्यक्तिगत शौचालयों के नाम पर निकाली गई, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ।

🔹 12 लोगों पर FIR दर्ज:

घोटाले में शामिल 12 लोगों के खिलाफ धारा 420, 409 और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी:

1. राजेंद्र परिहार – ब्लॉक समन्वयक, चिचोली और भीमपुर

2. सुरकेश कहार – कंप्यूटर ऑपरेटर, चिचोली

3. सुमित सोनी – कंप्यूटर ऑपरेटर, भीमपुर

4. आशीष कंस्ट्रक्शन – चिचोली

5. बीरबल रावत – चिचोली

6. जमदू अहके – चिचोली

7. मैक ऑटो इंडिया – नई दिल्ली

8. मकीना एसोसिएट – इंदौर

9. सपना इवने – चिचोली

10. शिवलु इवने – चिचोली

11. शॉपिंग भंडार – इंदौर

12. सोनू शिवनकर – चिचोली

🔹 सीईओ की संदिग्ध भूमिका:

इस घोटाले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

डीडीओ पावर और PFMS वाउचर सीईओ के अधीन होते हैं।

भुगतान का मैसेज सीईओ के मोबाइल पर आता था, फिर भी घोटाला जारी रहा।

कंप्यूटर ऑपरेटर, जो घोटाले में शामिल थे, सीईओ के अधीन काम करते थे।

🔹 पुलिस का रुख:

पुलिस ने घोटाले में शामिल कंपनियों और अधिकारियों की वित्तीय लेन-देन और संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।

बैतूल पुलिस और प्रशासन ने साफ किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

बैतूल से नितिन अग्रवाल की खास रिपोर्ट 






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