बैतूल अहमदाबाद विमान हादसे से देश में शोक की लहर, बैतूल के युवाओं ने निकाला कैंडल मार्च कर दी श्रद्धांजलि देखें विडियो

✍️ नितिन अग्रवाल 

बैतूल अहमदाबाद विमान हादसे से देश में शोक की लहर, बैतूल के युवाओं ने निकाला कैंडल मार्च कर दी श्रद्धांजलि

बैतूल/अहमदाबाद।

बीते बुधवार को गुजरात के अहमदाबाद में हुई एक दर्दनाक विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में भी युवाओं ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। करण चढ़ोकार ने जानकारी देते हुए बताया कि बैतूल स्थित कारगिल चौक पर फिजिकल एकेडमी और एबीपी (आर्मी बेसिक प्रिपरेशन) के छात्र-छात्राओं ने कैंडल मार्च निकालकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। युवाओं ने हाथों में मोमबत्तियां, तख्तियां और राष्ट्रीय एकता के संदेश लिए मार्च किया। मार्च के अंत में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।

अहमदाबाद विमान हादसे की जानकारी:

गुजरात के अहमदाबाद में हुए बड़े विमान हादसे से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का प्लेन टेक ऑफ के कुछ देर बाद ही क्रैश हो गया है। इस प्लेन में 242 यात्रियों के सवार होने की बात सामने आ रही है। अहमदाबाद में हुए इस बड़े प्लेन क्रैश के बाद मध्यप्रदेश में भी टेंशन बढ़ गई है क्योंकि मध्यप्रदेश से भी रोजाना बड़ी संख्या में लोग अहमदाबाद जाते हैं और लगातार यात्रा करते हैं।

बैतूल में युवाओं की संवेदनशील पहल

कैंडल मार्च में शामिल युवाओं ने नारे लगाए—

"वीरों को श्रद्धांजलि, देश को शांति",

"दुर्घटना में खोए जीवन, हम सबकी संवेदना"।

फिजिकल एकेडमी के प्रशिक्षकों ने कहा कि यह पहल युवाओं में देश के प्रति संवेदनशीलता और एकता की भावना को दर्शाती है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, कोच और स्थानीय नागरिक मौजूद थे।

आयोजकों ने कहा कि इस हादसे ने पूरे देश को यह याद दिलाया है कि तकनीकी सतर्कता के साथ मानवीय चेतना भी जरूरी है। उन्होंने सरकार से मांग की कि विमान सुरक्षा मानकों की गहन समीक्षा की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

बैतूल के युवाओं की यह श्रद्धांजलि न केवल संवेदना की अभिव्यक्ति थी, बल्कि यह भी संदेश था कि देश के कोने-कोने में रहने वाले नागरिक हर राष्ट्रीय दुःख में एकजुट हैं।

"श्रद्धांजलि केवल मौन नहीं होती, यह संवेदना और संकल्प की भी भाषा है।"

न्याय की आवाज़, जनता के साथ — आपके अपने शहर से।”नितिन अग्रवाल की खास रिपोर्ट




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