नितिन अग्रवाल
Breaking News- बैतूल बिना सुरक्षा उपकरणों के कुएं की सफाई: नगरपालिका की घोर लापरवाही से मजदूरों की जान पर बन आई
बैतूल, 14 जून 2025:
गंज क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा प्रारंभ की गई प्राचीन कुएं की सफाई जहां एक ओर सराहनीय कदम मानी जा रही है, वहीं दूसरी ओर मजदूरों की जान की कीमत पर हो रहे इस कार्य ने नगरपालिका की गंभीर लापरवाही और संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। नगर विकास के नाम पर किया जा रहा यह काम सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाता नजर आ रहा है।
बिना सुरक्षा उपकरणों के उतारे गए मजदूर, बनी दुर्घटना की आशंका
शहर के बीचोंबीच स्थित गहरे कुएं में मजदूरों को बिना हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, ऑक्सीजन मास्क या अन्य सुरक्षा साधनों के सीधे सफाई कार्य में उतार दिया गया। यह स्थिति न केवल श्रम कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि मानव जीवन के प्रति नगरपालिका की उदासीन मानसिकता का भी परिचायक है। एक ओर जहां राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिक सुरक्षा को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं, वहीं बैतूल की नगरपालिका उन्हें कागजों तक सीमित कर छोड़ चुकी है।
अधिकारी मौन, जनता सवाल कर रही है
इस गंभीर लापरवाही पर न तो नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वतीबाई बारस्कर और न ही किसी अधिकारी ने अब तक कोई जवाब दिया है। अधिकारी मूकदर्शक बनकर इस संवेदनहीन कार्य को होते देख रहे हैं। जनता और सामाजिक संगठनों का स्पष्ट कहना है कि यदि कोई हादसा हुआ तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन की होगी।
क्या यह ‘विकास’ या ‘अंधा प्रशासन’ है?
सवाल यह है कि क्या गहराई में सफाई कार्य करते मजदूरों की जिंदगी इतनी सस्ती है कि उनके लिए बुनियादी सुरक्षा उपकरण भी न दिए जाएं? क्या नगरपालिका के पास बजट और संसाधनों की कमी है या यह केवल ‘शो ऑफ’ के लिए किया गया कार्य है, जिसमें नियमों की कोई परवाह नहीं?
जनप्रतिनिधि क्यों हैं खामोश?
विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी चौंकाने वाली है। सफाई के नाम पर फोटो खिंचवाने की होड़ में लगे नेतागण मजदूरों की सुरक्षा पर चुप्पी साधे हुए हैं, जो एक जिम्मेदार लोकतंत्र में कतई स्वीकार्य नहीं है।
यह केवल एक कुएं की सफाई नहीं, बल्कि मजदूरों की जिंदगी से किया गया खिलवाड़ है।
नगरपालिका को चाहिए कि—
तुरंत इस कार्य को रोके और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करे,
सभी मजदूरों को पीपीई किट, सुरक्षा रस्सियाँ और ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए,
कार्यस्थल पर प्रशिक्षित सुरक्षा निरीक्षक की नियुक्ति की जाए,
और यदि कोई दुर्घटना घटती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई हो।
बैतूल की जनता सिर्फ विकास नहीं, सुरक्षित और सम्मानजनक विकास चाहती है।
नगरपालिका को यह याद रखना चाहिए कि विकास की बुनियाद इंसानों की सुरक्षा पर ही टिकी होती है।
“न्याय की आवाज़, जनता के साथ — आपके अपने शहर से।”नितिन अग्रवाल की खास रिपोर्ट
0 टिप्पणियाँ