Big breaking news बैतूल जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद हंगामा—आदिवासी संगठन का दिन भर धरना, प्रभारी मंत्री पहुंचे अस्पताल देखे वीडियो

✍️ नितिन अग्रवाल 



Big breaking news बैतूल जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद हंगामा—आदिवासी संगठन का दिन भर धरना, प्रभारी मंत्री पहुंचे अस्पताल


बैतूल जिला अस्पताल में डिलीवरी के आठ दिन बाद प्रसूता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने एक बार फिर अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईमलीखेड़ा, थाना चौपना की 25 वर्षीय समोती, पत्नी अमन मोचम, की शुक्रवार देर रात मौत हो गई। यह उनकी पहली डिलीवरी थी, और परिवार का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही ने उनकी जान ले ली।

परिजनों के अनुसार समोती ने 7 नवंबर को जिला अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया था। सामान्य डिलीवरी के बाद 11 तारीख को उन्हें छुट्टी दे दी गई। शुक्रवार सुबह से समोती को तेज दर्द और तकलीफ होने लगी। परिजन जब गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो, आरोप है कि समय पर उचित इलाज नहीं मिला और देर रात उनकी मौत हो गई। परिवार ने अस्पताल कर्मियों और महिला चिकित्सक वंदना धाकड़ पर गंभीर आरोप लगाए—दस्तावेजों पर जबरन अंगूठा लगवाना, साक्ष्य छिपाने की कोशिश, और पूर्व में भी पैसे लेकर डिलीवरी करने जैसी शिकायतें। हालांकि इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी। मामले ने तूल तब पकड़ा जब आदिवासी संगठन और ग्रामीणों ने आज शनिवार सुबह 11 बजे से ही जिला अस्पताल के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। लगभग चार घंटे के धरने के बाद देर शाम तक हालात तनावपूर्ण बने रहे। प्रदर्शनकारियों ने प्रभारी मंत्री को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। अंततः 4 बजे के लगभग प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल जिला अस्पताल पहुंचे, मृतका के परिजनों से मुलाकात की और तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा विवादित धाकड़ दंपत्ति को बैतूल से हटाया जाएगा पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित होगी मंत्री के आश्वासन के बाद आंदोलन शांत हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में लगातार बढ़ रहे आरोपों और मौतों को देखते हुए यह जनता की जीत है।

“न्याय की आवाज़, जनता के साथ — आपके अपने शहर से।”नितिन अग्रवाल व की खास रिपोर्ट ,,

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