शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया, छात्रों ने लिया संकल्प”
संविधान दिवस कार्यक्रम – शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल
दिनांक: 26 नवम्बर 2025
शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल में आज संविधान दिवस (26 नवम्बर 2025) के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बैतूल के संयुक्त तत्वावधान में एक गरिमामय एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य भारतीय संविधान के महत्व, मूल्यों और नागरिक दायित्वों के प्रति विद्यार्थियों में जागरूकता और समझ बढ़ाना था।
कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में श्री सोमनाथ राय, जिला विधिक सहायता अधिकारी, बैतूल उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में सुश्री रजिका थपलियाल, पूर्व छात्रा, निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद ने विद्यार्थियों को संविधान के व्यावहारिक महत्व पर अमूल्य मार्गदर्शन दिया। दोनों ही अतिथियों ने संविधान के सिद्धांतों को जीवन में अपनाने और विधि के क्षेत्र में संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सहायक प्राध्यापक श्री अजय सिरशाम ने छात्रों से संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन करवाया, जिससे विद्यार्थियों में संविधान के प्रति सम्मान और एकजुटता का भाव जागृत हुआ।
एलएल.बी. प्रथम वर्ष के छात्र पारस भोपते ने मंच का सफलतापूर्वक संचालन किया और कार्यक्रम को जीवंत बनाया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. हर्षवर्धन यादव ने अपने उद्बोधन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को संविधान की मूल भावना से परिचित कराते हैं और विधिक क्षेत्र में उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। उन्होंने उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान के प्रति यह जागरूकता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मददगार साबित होगी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. वीणा चिरोंजे, ग्रंथालयाध्यक्ष डॉ. रजनी मर्सकोले, स्पोर्ट्स ऑफिसर रूपेश जितपुरे, श्री सुरेश यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। इस आयोजन ने विद्यार्थियों में संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता का संदेश फैलाया और यह उनके लिए प्रेरणास्त्रोत साबित हुआ।
संविधान दिवस का यह आयोजन शासकीय विधि महाविद्यालय बैतूल में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने विद्यार्थियों को संविधान की शक्ति और उसकी महत्वता को समझने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान किया।
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