✍️ नितिन अग्रवाल
बैतूल की सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहीं ओवरलोड गन्ना ट्रॉलियां, 8 टन सीमा में 25 टन तक का दबंग परिवहन!
बैतूल जिले में इन दिनों सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। शहर हो या ग्रामीण इलाका—हर जगह ओवरलोड गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बेखौफ सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही हैं। बैतूल बाज़ार, ससंद्रा जोड़, चिचोली, सोहागपुर, इंदौर हाईवे और नागपुर हाईवे… कहीं भी नज़र डालिए, क्षमता से तीन गुना ज्यादा गन्ना ढोती ट्रॉलियां लगातार दौड़ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन ट्रॉलियों में सुरक्षा नियमों की जमकर अनदेखी की जा रही है। भारी मात्रा में ओवरलोड होने के बावजूद न तो पीछे रेडियम पट्टियाँ लगी हैं और न ही किनारों पर रिफ्लेक्टर। रात के समय ये ट्रॉलियां सड़क पर अचानक दिखाई देती हैं, जिससे कई वाहन चालक हादसों से बाल-बाल बच जाते हैं। सबसे बड़ी बात—नियम के मुताबिक एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सिर्फ 8 टन भार ढोने की अनुमति है। लेकिन यहाँ 25 टन तक गन्ना लादा जा रहा है। कई जगह तो दो-दो ट्रॉलियां जोड़कर उन्हें मिलों तक भेजा जा रहा है, जिससे वाहन अस्थिर होकर किसी भी क्षण पलट सकता है। पहले भी इन ट्रॉलियों से कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों का पालन अब भी नदारद है। कई ट्रॉलियों का उपयोग व्यावसायिक ढुलाई में भी किया जा रहा है, जबकि क़ानूनन इन्हें केवल कृषि कार्य के लिए ही छूट प्राप्त है।
आरटीओ अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन ट्रैफिक इंचार्ज गजेंद्र केन का कहना है कि मिल संचालकों को ओवरलोडिंग रोकने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होगी, ये ट्रॉलियां सड़क और जनता दोनों के लिए बड़ा खतरा बनी रहेंगी।
स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप करे, हर ट्रॉली पर रेडियम पट्टियाँ अनिवार्य करे और ओवरलोड परिवहन पर कड़ी कार्रवाई शुरू करे—ताकि सड़कें सुरक्षित रहें और हादसों पर लगाम लग सके।
“न्याय की आवाज़, जनता के साथ — आपके अपने शहर से।”नितिन अग्रवाल व की खास रिपोर्ट
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