बैतूल 🚩 221 फीट की ऐतिहासिक कावड़ बनी आस्था का प्रतीक! ताप्ती घाट से छोटे महादेव तक निकली भव्य यात्रा, पूरे बैतूल में हुआ भव्य स्वागत, पुष्प वर्षा से गूंजा शहर 🌺

 नितिन अग्रवाल 


बैतूल 🚩 221 फीट की ऐतिहासिक कावड़ बनी आस्था का प्रतीक! ताप्ती घाट से छोटे महादेव तक निकली भव्य यात्रा, पूरे बैतूल में हुआ भव्य स्वागत, पुष्प वर्षा से गूंजा शहर 🌺

बैतूल |श्रावण मास के पावन अवसर पर बैतूल में एक ऐतिहासिक और अद्वितीय कावड़ यात्रा निकाली गई, जिसने पूरे शहर को आस्था और भक्ति के रंग में रंग दिया। नवयुवक कालिका उत्सव समिति, प्राचीन नागदेव मंदिर, पटेल वार्ड बैतूल द्वारा निकाली गई यह कावड़ यात्रा इस बार अपने खास स्वरूप के चलते चर्चा का केंद्र बनी रही।

इस बार पारंपरिक कंधे पर रखी जाने वाली कावड़ की बजाय श्रद्धालुओं ने एक 221 फीट लंबी लकड़ी पर कावड़ सजाई और उसी पर गंगाजल लेकर 121 फीट लंबी कंधे पर रखी लकड़ी से इसे थामे हुए छोटे महादेव के लिए रवाना हुए। यह नजारा भक्तों और शहरवासियों के लिए आस्था के साथ-साथ कौतूहल और श्रद्धा का केंद्र बन गया।

यह भव्य यात्रा सुबह 7:00 बजे ताप्ती घाट से शुरू हुई और दोपहर 2:30 बजे बैतूल नगर में प्रवेश कर पूरे शहर में भ्रमण करते हुए कमाने घाट से होते हुए छोटे महादेव मंदिर के लिए रवाना हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को सुबह यह कावड़ यात्रा छोटे महादेव पहुंचेगी और वहां भोलेनाथ का जलाभिषेक कर वापस बैतूल आवेगी

यात्रा के मार्ग में सैकड़ों श्रद्धालु "बोल बम" के जयघोष के साथ शामिल हुए और अनेक सामाजिक संगठनों व नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा और जलपान की व्यवस्थाएं कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। बैतूल शहर की सड़कों पर हर ओर शिव भक्ति की गूंज, भगवा ध्वज और डमरू की धुनें माहौल को शिवमय बना रही थीं।

मुख्य आकर्षण:

221 फीट लंबी विशेष कावड़ ने खींचा सबका ध्यान

121 फीट लंबी लकड़ी से कंधों पर उठाए हुए भक्त

ताप्ती नदी से छोटा महादेव तक यात्रा का भव्य आयोजन

रास्ते भर पुष्प वर्षा, जयकारे और शिवभक्ति का उत्साह

इस अनोखी पहल ने न केवल श्रद्धालुओं को एक नई दिशा दी बल्कि शहरवासियों को एकता, अनुशासन और भक्ति से ओतप्रोत आयोजन का अद्भुत उदाहरण भी दिखाया। श्रद्धालुओं की भक्ति और समिति के संयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब श्रद्धा संगठित होती है, तो हर यात्रा एक ऐतिहासिक अध्याय बन जाती है।

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