Big Braking Newsबैतूल जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की गर्जना: प्रसूता से रिश्वत लेने का मामला गरमाया, आदिवासी संगठन का तीन घंटे धरना, डॉक्टर वंदना धाकड़ हटाई गई देखे वीडियो

नितिन अग्रवाल 



बैतूल जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की गर्जना: प्रसूता से रिश्वत लेने का मामला गरमाया, आदिवासी संगठन का तीन घंटे धरना, डॉक्टर वंदना धाकड़ हटाई गई


बैतूल। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद हुई। आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए महिला डॉक्टर वंदना धाकड़ द्वारा प्रसूता के परिजनों से 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने का खुलासा किया। यह मामला सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया।


₹5 हजार की मांग के साथ उजागर हुआ अस्पताल में भ्रष्टाचार

अंधेर बावड़ी, आठनेर निवासी जयदेव सेलुकर ने अपनी पत्नी संगीता सेलुकर को 29 जून को प्रसव हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जब 1 जुलाई तक सामान्य प्रसव नहीं हुआ, तो एक नर्स ने कथित रूप से परिजनों से कहा कि सीजर ऑपरेशन के लिए ₹5,000 देने होंगे। पीड़ित परिवार ने किसी तरह ब्याज पर पैसा जुटाया और अपनी रिश्तेदार मानता बाई के माध्यम से यह रकम सौंप दी।

आदिवासी संगठन का हंगामा: कार्रवाई की मांग

इस घटना के सामने आते ही आदिवासी संगठन के कार्यकर्ता करण के नेतृत्व में दर्जनों लोग गुरुवार शाम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने "भ्रष्टाचार बंद करो", "रिश्वतखोरी नहीं सहेगा हिंदुस्तान" जैसे नारे लगाते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। लगभग तीन घंटे तक अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन चलता रहा।

प्रशासन के पसीने छूटे, अधिकारियों की फौज मौके पर पहुंची

प्रदर्शन की खबर मिलते ही सीएस (सिविल सर्जन) और सीएमएचओ (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) मौके पर पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारी कलेक्टर को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति बिगड़ती देख एडीएम भी मौके पर पहुंचे लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए। अंततः एसडीएम मकसूद अहमद को हस्तक्षेप करना पड़ा।

गुपचुप लौटाए गए 5 हजार रुपये, डॉक्टर पर कार्रवाई

प्रदर्शन के दौरान ही सूचना मिली कि किसी अनजान महिला ने पीड़ित महिला के पास जाकर वह ₹5,000 की राशि वापस लौटा दी। इससे मामले में और भी सनसनी फैल गई। प्रदर्शन के दबाव में आते हुए सिविल सर्जन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डॉ. वंदना धाकड़ को प्रसूति वार्ड से हटाने और पूरे मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए।

अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार पर उठा सवाल

यह मामला केवल एक पीड़ित परिवार का नहीं है, बल्कि यह जिला अस्पताल में वर्षों से चले आ रहे रिश्वतखोरी के ढांचे की परतें खोलता है। सरकारी योजनाओं के तहत प्रसव जैसी सेवाएं पूरी तरह निशुल्क होनी चाहिए, लेकिन जब गरीब आदिवासी महिला से भी ऑपरेशन के नाम पर पैसे वसूले जाएं, तो यह प्रशासन और चिकित्सा तंत्र की संवेदनहीनता और भ्रष्ट मानसिकता को दर्शाता है।

मांगें अब भी बरकरार

डॉ. वंदना धाकड़ को तत्काल निलंबित किया जाए।

पूरा स्टाफ जो इस घटना में शामिल है, उसकी जांच हो।

रिश्वत मांगने वाले स्टाफ की सूची सार्वजनिक की जाए।

सरकारी अस्पताल में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

इस प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ चुप नहीं बैठेगी, चाहे वह अस्पताल हो या कोई अन्य सरकारी विभाग। बैतूल जिला अस्पताल की यह घटना पूरे स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी है।

न्याय की आवाज़, जनता के साथ — आपके अपने शहर से।”नितिन अग्रवाल की खास रिपोर्ट ,,

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