Today voice से अरुण कुमार बड़ोदे
डोक्या पंचायत में नल-जल योजना फेल! पूरा गांव बूंद-बूंद को तरस रहा, प्रशासन मौन
गांव में लगाया गया ट्यूबवेल पूरी तरह फेल हो चुका है, और नल-जल की पाइपलाइन महीनों से सूखी पड़ी है। नतीजा यह है कि सैकड़ों ग्रामीणों को पीने तक का पानी नहीं मिल रहा। महिलाएं और बच्चे कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाने को मजबूर हैं। इसके बावजूद पंचायत से लेकर प्रशासन तक सिर्फ़ मूकदर्शक बना बैठा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि:
अस्त व्यस्त पड़ी व्यवस्थाएं खुली पड़ी नल पाइप लाइन खुले पड़े वालचेंबर किसी का ध्यान नहीं
कुछ घर सर्वे तक ही सीमित किए गए है उन घरों तक ना तो नल है और ना हीं जल।
ट्यूबवेल की गुणवत्ता घटिया थी, जिसे बार-बार कहने के बावजूद सही तरीके से नहीं सुधारा गया।
प्रशासनिक नियमानुसार ट्यूबवेल की गहराई नहीं की गई
मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन पानी की एक बूँद भी गांव को नहीं मिल रही।
गर्मी हो या बारिश, लोगों को निजी बोरिंग या कुओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है – जो या तो सूख चुके हैं या दूषित हैं।
ग्रामीणों को सीएम हेल्पलाइन 181का लेना पड रहा सहारा
"क्या सिर्फ़ काग़जों में मिलेगा नल से जल?"
ग्रामीणों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है:
> “सरकार सिर्फ़ पोस्टर और भाषणों में पानी दे रही है। हकीकत में तो हमें रोज़ पानी के लिए लड़ना पड़ता है बाइक से पानी ढोने पर मजबूर है ग्रामीण। क्या यही विकास है?”
📢 ग्रामीणों की चेतावनी:
अगर जल्द ही नल-जल योजना को ठीक नहीं किया गया, तो गांव में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और जनप्रतिनिधियों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
प्रशासन की चुप्पी और पंचायत की लापरवाही इस बात का प्रमाण है कि ज़मीनी स्तर पर योजनाओं का हाल कितना बदतर है
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