बैतूल के आमला में"छत से घुसे नकाबपोशों ने मचाया तांडव: तलवार से व्यापारी पर हमला, 5 लाख की लूट; पुलिस की लापरवाही से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल देखें विडियो

नितिन अग्रवाल 






बैतूल के आमला में"छत से घसे नकाबपोशों ने मचाया तांडव: तलवार से व्यापारी पर हमला, 5 लाख की लूट; पुलिस की लापरवाही से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल


बैतूल, आमला।जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमला के रतेड़ा रोड स्थित चंद्रभागा नदी के पास बीती रात एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया। यहां चार नकाबपोश बदमाश छत के रास्ते एक अनाज व्यापारी के घर में घुसे और परिवार को बंधक बनाकर करीब 5 लाख रुपये की लूट को अंजाम देकर फरार हो गए।

घटना बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात की है। व्यापारी कल्लू प्रजापति के घर में चारों बदमाश हथियारों से लैस होकर छत के रास्ते दाखिल हुए। उन्होंने सीधे परिवार के सदस्यों पर हमला किया और व्यापारी कल्लू पर तलवार से वार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल अवस्था में उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बेटे ने बताई आपबीती:

व्यापारी के बेटे नवनीत ने बताया कि घटना के समय उनके माता-पिता अपने कमरे में सो रहे थे। बदमाशों ने दरवाजे की कुंडी तोड़ी और चाबी मांगी। विरोध करने पर दोनों के साथ मारपीट की गई और अलमारी से नकदी व जेवरात निकाल लिए। जाते-जाते उन्होंने कल्लू प्रजापति के सिर पर धारदार हथियार से हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया।

फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड जुटे जांच में:

घटना की जानकारी मिलते ही एडिशनल एसपी कमला जोशी घटनास्थल पर पहुंचीं। फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड की मदद से जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है।

लापरवाही का आरोप:

स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना से एक दिन पहले ही चार संदिग्ध नकाबपोशों को क्षेत्र में घूमते हुए देखा गया था, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई गश्त नहीं की, जिससे बदमाशों के हौसले बुलंद रहे और उन्होंने निडर होकर लूट को अंजाम दिया।

पुलिस की प्रतिक्रिया:

टीआई सत्यप्रकाश सक्सेना ने बताया कि लूट की घटना हुई है और फिलहाल जांच जारी है। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई है।

इस घटना ने इलाके में दहशत फैला दी है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। सवाल यह है कि जब संदिग्धों की सूचना पहले ही दे दी गई थी, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए? अब देखना होगा कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपियों को पकड़ पाती है और लोगों के भरोसे को फिर से कायम कर पाती है।


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